आर्कटिक (Arctic) में पाए गए एक समुद्री जीव के कंकाल (Fossil) ने वैज्ञानिकों को चौंका कर रख दिया है. शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया है कि ये सबसे पुराना जीवाश्म हो सकता है. गौरतलब है कि जीवाश्मों के अनुसंधान में लगे वैज्ञानिकों को अनुमान था कि 250 मिलियन साल पहले किसी भी जीव का सबसे आदिम रूप रहा होगा. लेकिन इसने वैज्ञानिकों की धारणा बदल दी है. वैज्ञानिक नये सिरे से शोध में जुट गये हैं.
व्हेल (Whale) की तरह दिखने वाले इचथ्योसॉर (ichthyosaur) के जीवाश्मों को देखने के बाद वैज्ञानिक हतप्रभ हैं. हालांकि वैज्ञानिकों ने अभी तक इसका कोई विशेष नाम नहीं दिया गया है. वैज्ञानिकों ने पाया है कि उसकी आकृति बताती है कि वह अपने समय में शारीरिक रूप से काफी उन्नत रहा होगा.
डायनासोर के समय भी समृद्ध था
वैज्ञानिकों का मानना है कि इचथ्योसॉर (ichthyosaur) समुद्री जीवों का एक सक्रिय समूह था जो डायनासोर के जीवन काल में समृद्ध रहा होगा. वह करीब 70 फीट यानी 21 मीटर तक लंबा था. महासागरों में सबसे विशाल जीव व्हेल को माना जाता है लेकिन वह उससे भी बड़ा रहा होगा.
वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी उत्पत्ति थोड़ी रहस्यमयी लगती है. उन्हें सबसे पहले ज्ञात इचथ्योसॉर के अवशेष मिले हैं, जोकि धरती से विलुप्त होने के करीब 2 मिलियन साल बाद जीवित रहे. जिसने साइबेरियाई ज्वालामुखी को बड़े पैमाने पर सहा. इसके बाद भी उसने अपने जीवन को सुरक्षित रखा. यानी वह कठिन से कठिन हालात को झेल पाने में सक्षम था.
महासागरों के जीवों का पूर्वज
पता ये भी चला है कि वह व्हेल की तरह ही स्तनधारी था और महासागरों में बसे हुए तमाम जीवों का पूर्वज था. वैज्ञानिकों का कहना है कि इसका अस्तित्व आश्चर्य से भरा है. वह तेजी से बढ़ने वाला रहा है. उसका खून काफी गर्म रहा होगा. वह पूरी तरह से महासागर में रहने वाला प्राणि है.
जिस स्थान पर जीवाश्म पाए गए थे, वह एक आर्कटिक स्थल है जहां तट के साथ ऊंचे बर्फ से ढके पहाड़ हैं. 250 मिलियन वर्ष पहले समुद्र में मछली, शार्क, शेल्ड स्क्वीड-जैसे अमोनोइड्स और मगरमच्छ-जैसे समुद्री जीव टेम्नोस्पोंडिल कहलाते थे.
कुछ डॉल्फिन की तरह भी दिखते थे
वैज्ञानिकों का मानना है कि इनके बड़े पैमाने पर विलुप्त होने से धरती और समुद्री पारिस्थितिकी पर असर पड़ा. विलुप्त जीवों की खाली की गई जगहों को भरने के लिए नई प्रजातियों ने नए अवसर खोल दिए. इचथ्योसॉर करीब 90 मिलियन वर्ष पहले तक बने रहे.
कई इचथ्योसॉर डॉल्फ़िन की तरह दिखते थे तो कुछ बड़ी व्हेल की तरह. सबसे बड़ा इचथ्योसॉर लगभग 70 फीट यानी 21 मीटर का था. वे मछली खाते थे.
इस खोज के कई निहितार्थ हैं. सबसे महत्वपूर्ण इस बात का संकेत मिलना है कि ये डायनासोर के प्रारंभिक सालों में थे. हालांकि सबसे पुराने ज्ञात डायनासोर लगभग 230 मिलियन वर्ष पहले तक प्रकट नहीं हुए थे.