Money9 Financial Freedom Summit में इंश्योरेंस सेक्टर पर विस्तार से बातचीत हुई. मनी9 सर्वे के अनुसार देश में 19 फीसदी लोग सेविंग के लिहाज से इंश्योरेंस लेते हैं. खास बात तो ये है कि बीते 10 साल में इंश्योरेंस सेक्टर (Insurance Sector) में 10 साल की ग्रोथ देखने को मिली है. उसके बाद भी देश में इंश्योरेंस तक पहुंच मात्र 4.2 फीसदी तक ही है. उसमें भी एक फीसदी पेनिट्रेशन हेल्थ इंश्योरेंस में देखने को मिलता है. देश में मौजूदा समय में 57 इंश्योरेंस कंपनियां होने के बाद भी लोगों के बीच इंश्योरेंस कम क्यों हैं? आखिर लोग इंश्योरेंस क्यों नहीं खरीदते हैं? सबसे अहम सवाल कि क्या भारत साल 2047 तक ‘हर घर इंश्योरेंस’ का टारगेट पूरा कर सकेगा. इन तमाम सवालों का जवाब देने के इंश्योरेंस सेक्टर के दिग्गज इस समिट में मेहमान के तौर पर मौजूद रहे. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर उन्होंने क्या कहा?
क्यों नहीं ले रहे हेल्थ इंयोरेंस?
मनीपाल सिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस की सीओओ प्रिया देशमुख ने इस मौके पर कहा कि कोविड के दौरान हम सभी ने देखा कि आम लोगों का हेल्थ एक्सपेंडिचर में काफी इजाफा हुआ. उसके बाद कई लोगों में हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर जागरुकता बढ़ी है और लोगों इसकी ओर आ भी रहे हैं, लेकिन स्पीड काफी स्लो है. इसके पीछे कई कारण हैं, पहला माइंड सेट. लोगों को लगता है कि अगर हम हेल्दी हैं तो हेल्थ इंश्योरेंस की जरुरत ही क्यों हैं. दूसरा ट्रस्ट डेफिसिट, लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस में रिटर्न में कुछ नहीं मिलता है. अगर किसी आपको कुछ नहीं हुआ तो लोगों को लगता है कि उनका पैसा बर्बाद हो गया. क्या उन्हें प्रोपर रिटर्न मिलेगा? इंश्योरेंस कंपनियों पर यह ट्रस्ट इश्यू आम लोगों में मौजूद है. इसके अलावा हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर अवेयरनेस की जरुरत है. आज हेल्थ इंश्योरेंस लोगों की सभी चीजों को कवर करता है.