इंदौर टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया था और कुछ देर तक तो सबकुछ ठीक चलता रहा, लेकिन जैसे ही कंगारू स्पिनर मैथ्यू कुहनेमैन अटैक पर आए पूरा मंजर ही बदल गया। इसके बाद रही सही कसर पहली पारी में नाथन लियोन ने पूरी कर दी। पहली पारी में भारतीय टीम का पहला विकेट 27 रन पर गिरा था, लेकिन उसके बाद 82 रन के अंदर टीम इंडिया ने 9 बल्लेबाजों को खो दिया और पूरी टीम 109 रन पर ऑल आउट हो गई। बस यहीं पर टीम इंडिया ने खुद ही अपनी हार की कहानी लिख डाली और फिर रोहित शर्मा की टीम को पराजय का सामना करना पड़ा।
भारतीय टीम के बल्लेबाज पहली पारी में पूरी तरह से बिखर तो गए ही थे इसके अलावा भी इस टेस्ट में टीम इंडिया की हार के कई कारण रहे। एक तरफ जहां पहली पारी में कंगारू स्पिनर सफल रहे तो वहीं पहली पारी में भारतीय स्पिनर पिच पर संघर्ष करते नजर आए और कंगारू बल्लेबाज पहले दिन आराम से स्ट्राइक रोटेट करते रहे। हालांकि दूसरे दिन भारतीय गेंदबाजोंं ने 6 कंगारू बल्लेबाजों को 11 रन पर आउट किया, लेकिन तब तक तीर कमान से निकल चुका था और आस्ट्रेलिया की टीम को 88 रन की अहम बढ़त मिल चुकी थी।दूसरी पारी में टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने संभलकर बल्लेबाजी करनी शुरू की, लेकिन इस बार नाथन लियोन ने कमाल कर डाला। पुजारा ने जरूर 59 रन की पारी खेली, लेकिन अन्य बल्लेबाज तो बेबस नजर आए। पहली पारी की तरह दूसरी पारी में भी भारतीय स्टार बल्लेबाज फ्लाप रहे और उनके बीच कोई बड़ी साझेदारी नहीं हो पाई। नतीजा ये रहा कि टीम इंडिया 163 रन पर ऑल आउट हो गई और उसे सिर्फ 75 रन की बढ़त मिली जो कंगारू टीम को लिए आसान टारगेट था।इस मैच के तीसरे दिन गेंद का बदलना भी भारत के हक में नहीं रहा क्योंकि जब तक गेंद नहीं बदली गई थी तब तक कंगारू बल्लेबाज परेशान दिख रहे थे, लेकिन गेंद बदलते ही कंगारू बल्लेबाजों ने खुलकर शॉट्स लगाए और मैच को आराम से जीत लिया। इस मैच में श्रेयस अय्यर के ऊपर रविंद्र जडेजा को बल्लेबाजी के लिए भेजना भी गलत फैसला साबित हुआ।