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जल्द मिलेंगे बढ़िया क्वालिटी के ‘श्री अन्न’ प्रोडक्ट्स, FSSAI ने बनाए ये नए रूल्स

lokvikasindia by lokvikasindia
February 25, 2023
in कृषि
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जल्द मिलेंगे बढ़िया क्वालिटी के ‘श्री अन्न’ प्रोडक्ट्स, FSSAI ने बनाए ये नए रूल्स

लोक विकास डेस्क।केंद्र सरकार लगातार मोटे अनाज के इस्तेमाल और उत्पादन को बढ़ावा दे रही है. इस साल के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिलेट्स यानी मोटे अनाज को श्री अन्न नाम दिया.केंद्र सरकार लगातार मोटे अनाज के इस्तेमाल और उत्पादन को बढ़ावा दे रही है. इस साल के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिलेट्स यानी मोटे अनाज को श्री अन्न नाम दिया. इसी सिलसिले में अब भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने खाद्य सुरक्षा और मानक दूसरे संशोधन विनियम 2023 के तहत मोटे अनाज के लिए स्टैंडर्ड तय किए हैं. ये स्टैंडर्ड इस साल 1 सितंबर से लागू होंगे.

मौजूदा समय में केवल कुछ मोटे अनाज के निजी मानक जैसे कि ज्वार, बाजरा और रागी का मिश्रण किया जाता है. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने 15 किस्म के मोटे अनाज के समूह का समग्र मानक अब तय किया है. इसमें स्वदेशी और वैश्विक बाजार में अच्छी गुणवत्ता के मोटे अनाज की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आठ गुणवत्ता मानदंड तय किए गए हैं. समूह का मानक कुट्टू, कोडो, कुटकी, कोराले और ऐडले पर लागू होगा.

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2023 है अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज साल

मोटे अनाज की ओर जागरूकता और उत्पादन को बढ़ावा देने और इसे खाने के लिए अप्रैल 2018 में मोटे अनाज को न्यूट्री सीरियल का नाम दिया गया था और साल 2018 को मोटे अनाज का राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया गया था. बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया था. पीएम मोदी भी चाहते हैं कि भारत श्री अन्न या मोटे अनाज का वैश्विक केंद्र बने और अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 को जन आंदोलन का रूप दिया जाए.

भारत दुनिया को मोटा अनाज के फायदे बताने-समझाने में अहम भूमिका निभा रहा है. हमारे देश में एशिया का लगभग 80 फीसदी और दुनिया का 20 फीसदी मोटा अनाज पैदा होता है. मोटे अनाज जहां एक ओर हमारे शरीर के लिए अच्छे है वहीं दूसरी ओर ये किसानों की आय बढ़ाने में भी मददगार हैं. इस वजह से मोटे अनाज को लोकप्रिय बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है. चाहे फूड फेस्टिवल हो या कॉन्क्लेव सभी में मोटे अनाज से बने उत्पादों से लोगों को आकर्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

मोटा अनाज किसे कहते हैं?

मोटा अनाज छोटे अनाज के सीरियल फूड का समूह है, जो कि सूखे और अन्य जटिल मौसम की स्थितियों में अधिक सहनीय होते हैं. इसकी खेती के लिए कम रासायनिक तत्व जैसे कि उर्वरक और कीटनाशक की जरूरत होती है. ज्यादातर मोटा अनाज भारतीय है. सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान मोटा अनाज की खपत को लेकर कई चीजें बताती हैं कि यह भारत में पैदा की जाने वाली पहली फसलों में से एक थी.

इसे गरीबों का अनाज भी कहा जाता है. मोटे अनाज सेहत के लिए भी काफी अच्छा होता है. ये शरीर को सिर्फ प्रोटीन और फाइबर ही नहीं देते बल्कि, खाने वाले को शरीर में उत्पन्न हो रहे रोगों को दूर भी करते हैं. मोटे अनाज में ज्वार, बाजरा, रागी,सांवा या सामा, कंगनी, कोदो, कुटकी और कुट्टू शामिल हैं.

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