‘यदि आप दुश्मन को और खुद को जानते हैं, तो आपको सौ लड़ाइयों के नतीजे से डरने की जरूरत नहीं है। यदि आप खुद को जानते हैं, लेकिन दुश्मन को नहीं, तो प्रत्येक जीत भी आपके लिए हार की तरह होगी। यदि आप न तो अपने दुश्मन को जानते हैं और न ही खुद को, तो आप हर जंग में हारेंगे’
– सून जू, आर्ट ऑफ वॉर
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अब ऊपर दिए पैरा में दुश्मन की जगह ‘कॉम्पिटिटिव एग्जाम’ रख कर देखें।
1) ‘यदि आप खुद की ताकत और कमजोरी को जानते हैं और कॉम्पिटिटिव एग्जाम के सिलेबस पैटर्न और पिछले सालों के प्रश्नों से परिचित हैं तो आपको किसी एग्जाम से डरने की जरूरत नहीं है।
2) यदि आप खुद को जानते हैं लेकिन एग्जाम से परिचित नहीं हैं तो आपको एग्जाम क्लियर करने में बहुत अधिक मेहनत करनी पड़ेगी, इतनी कि वह जीत भी आपको हार की तरह लगेगी।
3) और यदि आप दोनों को ही नहीं जानते तब तो फेल्योर निश्चित है।
आर्ट ऑफ वॉर

चीनी जनरल और दार्शनिक सून जू की ‘आर्ट ऑफ वॉर’ स्ट्रैटेजी और लीडरशिप पर एक उत्कृष्ट पुस्तक है जिसका व्यापक रूप से अध्ययन किया गया है। इस पुस्तक से मिलने वाले सबक बिजनेस, स्पोर्ट्स और मिलिट्री सहित विभिन्न क्षेत्रों में लागू किए गए हैं। कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स में इन्हें लागू करने से तैयारी और बेहतर प्रदर्शन में मदद मिलती है।
आइए देखते हैं कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स के लिए ‘आर्ट ऑफ वॉर’ से कुछ सबक।
कॉम्पिटिटिव एग्जाम के लिए ‘आर्ट ऑफ वॉर’ से लेसन
सबक 1… अपने आप को और अपने दुश्मन को जानें
सून जू खुद को और अपने दुश्मन को समझने के महत्व पर जोर देते हैं।
कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स के संदर्भ में अर्थ है अपनी ताकत और कमजोरियों को समझना, साथ ही परीक्षा के सिलेबस, पैटर्न और कंटेंट को समझना। अपने आप को और अपने दुश्मन को जानकर, आप एक ऐसी रणनीति बना सकते हैं जो आपकी ताकत को अधिकतम करे और आपकी कमजोरियों को कम करे।
उदाहरण के लिए, यदि आप टाइम मैनेजमेंट में संघर्ष कर रहे हैं, तो इसे एक कमजोरी के रूप में पहचानिए और इसे दूर करने के लिए प्लान बनाइए, जैसे कि टाइम मैनेजमेंट तकनीकों का अभ्यास करना या एग्जाम को छोटे भागों में तोड़ना।
सबक 2… दो ‘P’ – Planning और Preparation
सून जू प्लानिंग और प्रिपरेशन के महत्व पर बल देते हैं।
कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स के संदर्भ में, इसका अर्थ है एक स्टडी प्लान बनाना, लक्ष्य निर्धारित करना और ऑर्गेनाइज्ड रहना। इसका अर्थ परीक्षा के प्रारूप से परिचित होना और पिछले प्रश्नों का अभ्यास करना भी है। अच्छी तरह से प्लान बनाकर और तैयारी करके आप अपनी सफलता की संभावना बढ़ा सकते हैं।
उदाहरण के लिए, किसी विषय को पढ़ने के लिए स्टडी प्लान बनाना और विशिष्ट लक्ष्य निर्धारित करना, आपकी तैयारी की गति में सुधार और आपको फोकस्ड और इंस्पायर्ड रहने में मदद कर सकता है।
सबक 3… लचीलापन और अनुकूलनशीलता (Flexibility and Adaptability)
सून जू लचीले और adaptable होने के महत्व पर जोर देते हैं।
प्रतियोगी परीक्षाओं के संदर्भ में, इसका अर्थ है नई जानकारी और बदलती परिस्थितियों के अनुकूल होने में सक्षम होना। इसका अर्थ यह भी है कि आवश्यकतानुसार अपनी रणनीति और कार्यनीति को समायोजित करने में सक्षम होना। लचीला बनकर आप अपनी सफलता की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं।
उदाहरण के लिए, यदि आप पाते हैं कि आपका स्टडी प्लान उतनी अच्छी तरह से काम नहीं कर रहा है जितनी आपने उम्मीद की थी, तो इसे बदलने और नए दृष्टिकोणों को आजमाने के लिए ओपन रहें।
‘आर्ट ऑफ वॉर’ की बांस की पत्तियों पर लिखी ये कॉपी फिलहाल अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में रखी है।
सबक 4… चालाकी और आश्चर्य (Smarts and Surprise)
प्रतियोगी परीक्षाओं के संदर्भ में, इसका अर्थ है कि अपने नॉलेज और स्किल का प्रदर्शन करके परीक्षकों को आश्चर्यचकित करने में सक्षम होना। इसका अर्थ यह भी है कि अपनी कमजोरियों का भेष बदलकर और अपनी खूबियों को उजागर करके परीक्षकों के सामने प्रस्तुत करना।
उदाहरण के लिए, यदि आपकी इंग्लिश अच्छी नहीं है और आपको इंग्लिश में निबंध लिखना है, तो आप सरल भाषा में छोटे-छोटे सेन्टेन्स बनाते हुए लिखें (ताकि ग्रामेटिकल मिस्टेक्स न हो)। इस तरह आप अपनी इंग्लिश कम जानने की कमजोरी को भी छुपा पा रहे हैं और एक अच्छे इंग्लिश निबंध के स्टैंडर्ड्स को भी पूरा कर रहे हैं।
सबक 5… फोकस और एकाग्रता (Focus and Concentration)
प्रतियोगी परीक्षाओं के संदर्भ में, इसका अर्थ है हाथ में लिए गए कार्य पर ध्यान केंद्रित करना और डिस्ट्रैक्शंस से दूर करना। इसका अर्थ परीक्षा के विवरण और बारीकियों पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम होना भी है। फोकस्ड रहने से आपके सफल होने की सम्भावना बढ़ सकती हैं।
सबक 6… आत्म-नियंत्रण और अनुशासन (Self-control and Discipline)
प्रतियोगी परीक्षाओं के संदर्भ में, इसका अर्थ है अपनी भावनाओं और प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करने में सक्षम होना। इसका अर्थ यह भी है कि लगातार अध्ययन और अभ्यास करने के लिए खुद को अनुशासित करने में सक्षम होना। वास्तव में यह जीवन के सभी क्षेत्रों में सफल होने के लिए आवश्यक है।
सारांश
हमेशा अजेय रहे चीनी जनरल सून जू से हम सीखते हैं कि आप अपने और अपने एग्जाम को जानकर, प्लानिंग और प्रिपरेशन करके, लचीला और Adaptable बनकर, चालाकी और आश्चर्य का उपयोग करके, फोकस्ड और एकाग्र होकर, तथा आत्म-नियंत्रण और अनुशासन द्वारा, कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स में सफल हो सकते हैं।
आज का करिअर फंडा यह है कि ‘द आर्ट ऑफ वॉर’ मूल्यवान अंतर्दृष्टि और सीख प्रदान करता है जिसे कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स में लागू किया जा सकता है।