भोपाल :राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने मातृभूमि के मान का 365 दिन ध्यान रखकर कार्य करने का प्रदेशवासियों से आहवान किया है। उन्होंने प्रदेशवासियों से कहा है कि जीवन में कभी कोई ऐसा कार्य नहीं करें, जिससे मातृभूमि के सम्मान को क्षति पहुंचे। उन्होंने कहा है कि आजादी के अमृत काल में हम सब भारतीय सभ्यता और संस्कृति की गौरव गाथा के अनुरूप गण और तंत्र समवेत होकर आत्म-निर्भर देश प्रदेश के निर्माण में योगदान दें।
राज्यपाल श्री पटेल ने गणतंत्र दिवस पर राजधानी भोपाल में आयोजित मुख्य समारोह में ध्वज फहरा कर, भव्य परेड सलामी ली और प्रदेशवासियों को संबोधित किया। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर सक्सेना सहित अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे।
आत्म-निर्भर प्रदेश के लिए हो रहे कार्य
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि राज्य सरकार आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप पर द्रुत गति से अमल कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की आत्म-निर्भर भारत की अवधारणा को साकार रूप दे रही है। देश की स्वतंत्रता के अमृत काल में स्वतंत्रता के फल तक प्रत्येक प्रदेशवासी की पहुँच बनाने के लिये राज्य सरकार की शासन-प्रशासन के कार्यों में जन-भागीदारी को बढ़ावा देने की पहल के अनुकूल परिणाम मिल रहे हैं।
कृषि अधो-संरचना निधि के क्रियान्वयन में प्रदेश सर्वश्रेष्ठ राज्य
राज्यपाल ने कहा कि कृषि अधो-संरचना निधि के क्रियान्वयन में प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार मिला है। साथ ही मिलेट के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के फलस्वरूप प्रदेश को बेस्ट इमर्जिंग स्टेट अवार्ड से भी नवाजा गया है। मछली उत्पादन के बेहतर प्रबंधन और उत्पादन में लगातार बढोतरी के लिए प्रदेश को विशेष श्रेणी में उत्कृष्ट पुरस्कार मिला है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में प्रदेश को 16 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। प्रदेश के 77 नगरीय निकायों को भी स्टार रेटिंग मिली है।
प्रदेश का आध्यात्मिक गौरव दुनिया में प्रतिष्ठित हुआ
राज्यपाल ने बताया कि प्रदेश का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गौरव देश-दुनिया में प्रतिष्ठित है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों से उज्जैन में 11 अक्टूबर, 2022 को नव्य, भव्य और दिव्य श्री महाकाल महालोक के लोकार्पण से इस गौरव में श्री वृद्धि हुई है।
29 लाख से अधिक रोजगार के नए अवसर बनने की संभावना
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि इसी माह इन्दौर में सम्पन्न ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2023 ऐतिहासिक रही है। समिट में देश-दुनिया के सैकड़ों डेलीगेट्स शामिल हुए। समिट में 15 लाख 42 हजार करोड़ से अधिक के निवेश
प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन प्रस्तावों से प्रदेश में 29 लाख से अधिक रोज़गार के नये अवसर निर्मित होने की संभावना होगी।
उच्च शिक्षा की गुणवत्ता हो रही सुनिश्चित
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा रहा है। तकनीकी पाठ्यक्रमों में चिकित्सा शिक्षा सहित हिंदी माध्यम से शिक्षण की व्यवस्था की गई है। विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति अनुरूप व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्य किए गए हैं। नैक मूल्यांकन अंतर्गत शासकीय माधव विज्ञान महाविद्यालय, उज्जैन को देश के एकमात्र ए डबल प्लस शासकीय महाविद्यालय होने का गौरव प्राप्त हुआ है। विश्वविद्यालयवार नैक ग्रेडिंग के लिए समिति गठित कर कार्य किए जा रहे हैं। प्रवेश, परीक्षा और परिणाम की घोषणा समय पर हो, इसके लिए शैक्षणिक केलेंडर का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है।
नेशनल अचीवमेंट सर्वे में प्रदेश ने लगाई बड़ी छलांग
राज्यपाल ने प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। नेशनल अचीवमेंट सर्वे में प्रदेश 21वें स्थान से बड़ी छलांग लगा कर 5वें स्थान पर आ गया है। शासकीय स्कूलों में 18 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की गई और 29 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया जारी है। प्रतिभाशाली बच्चों को लैपटॉप देने की योजना फिर से प्रारम्भ कर दी गई है। विद्यार्थियों को ई-रूपी के माध्यम से साइकिल प्रदाय की व्यवस्था की गई है।
मातृ वंदना योजना में प्रदेश 4 वर्षों से लगातार प्रथम
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश लगातार चार वर्ष से देश में प्रथम है। योजना में अब तक 32 लाख 51 हजार से अधिक महिलाओं को 1 हजार 370 करोड़ रूपये की सहायता सुलभ करवायी गई है। गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिये संचालित आपरेशन मुस्कान को आशातीत सफलता मिली है।
लाड़ली लक्ष्मियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन राशि
श्री पटेल ने कहा कि कन्या जन्म को वरदान बनाने वाली बहुप्रशंसित और सफल लाड़ली लक्ष्मी योजना में आज प्रदेश में लगभग 44 लाख लाड़ली लक्ष्मियाँ हैं। एक समय प्रदेश में जन्म के समय 1000 बेटों पर केवल 911 बेटियाँ जन्म लेती थी। यह संख्या आज बढ़ कर 956 हो गई हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना – 2 प्रारम्भ कर लाड़ली लक्ष्मियों की उच्च शिक्षा के लिये दो किस्त में 25 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है।