जीके डेस्क।हमारी सफलता और विफलता के पीछे हमारे विचारों का अहम रोल हाेता है. हमारे मन में कई बार पॉजिटिव थॉट्स भी आते हैं और कई बार निगेटिव थाॅट्स भी. पॉजिटिव थॉट्स सफलता की ओर ले जाते हैं, जबकि निगेटिव थॉट्स विफलता की ओर. मियामी यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, थॉट्स के चलते सक्सेस और फेल्योर का अनुपात लगभग 60:40 का होता है.
अब पॉजिटिव वर्सेज निगेटिव थॉट्स की बात करते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पॉजिटिव थॉट्स वाले 58 फीसदी लोग सफल होते हैं. वहीं निगेटिव थॉट्स के चलते 40 फीसदी लोग फेल हो जाते हैं.हमारे विचार कई बार हमें खुद का ही दुश्मन बना देते हैं. करीब 37 फीसदी लोग खुद को ही अपना दुश्मन मानते हैं.34 फीसदी लोग सोचते हैं कि वो खुद को नीचा दिखा रहे हैं. वहीं 32 फीसदी लोग इस चिंता में रहते हैं कि कहीं उनसे कोई निराश न हो जाए.आपने गौर नहीं किया होगा, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार, हर दिन हमारे जेहन में 11 निगेटिव थॉट्स आते हैं. हालांकि अच्छी बात ये है कि 43 फीसदी लोग अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर निगेटिव विचारों से लड़ पाते हैं. निगेटिव थॉट्स से लड़ने में मेडिटेशन, शौक, स्किल लर्निंग मजबूत हथियार साबित होते हैं.