बुरा वक्त हमेशा कुछ नया सिखाने के लिए आता है। उस वक्त इंसान जिंदगी को फिर से पटरी पर लाने के लिए जी-जान से मेहनत करता है और यही मेहनत उसे एक नई पहचान देती है।
सिमरन कोहली के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। अच्छे घर में शादी, पति, दो बच्चे, सबकुछ अच्छा चल रहा था कि पति का बिजनेस मंदा चलने लगा। पति की मदद के लिए सिमरन ने ने घर से ही कुकिंग का बिजनेस शुरू किया। उनकी बनाई रेसिपीज लोगों को इतनी पसंद आईं कि काम लगातार बढ़ने लगा। ‘सिम्स किचन’ अब एक बड़ा ब्रांड बन गया है और उनके पास काम की कोई कमी नहीं है। सिमरन से ही जानिए उनके बिजनेस आइडिया से लेकर कामयाब बिजनेस वुमन बनने से सफर की कहानी…
मैं फैशन डिजाइनर बनना चाहती थी
मैंने कभी सोचा नहीं था कि फूड इंडस्ट्री में बिजनेस करूंगी। मुझे फैशन डिजाइनिंग का शौक था और मैंने इसका कोर्स भी किया। मेरी पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल से हुई। फिर मैंने लाजपत नगर पॉलिटेक्निक से दो साल का फैशन डिजाइनिंग का डिप्लोमा किया। शादी के बाद तक मैंने अपना काम शुरू नहीं किया था।
अपना ब्रांड शुरू किया
बेटी के जन्म के कुछ साल बाद मैंने ‘लिटिल फेयरी कलेक्शन’ के नाम के बच्चों के लिए क्लोदिंग ब्रांड शुरू किया। ये काम मैं घर से ही करती थी। लोगों को मेरा काम अच्छा लग रहा था और मेरा बिजनेस ग्रो कर रहा था, लेकिन बेटे के जन्म के बाद मुझे काम छोड़ना पड़ा। दोनों बच्चो की परवरिश और परिवार की देखभाल करने में ही मेरा पूरा टाइम चला जाता था।
पति को सपोर्ट करने के लिए काम
मेरे ससुर जी बहुत अच्छा खाना बनाते थे, उनसे मैंने कई टेस्टी डिशेज बनाना सीखा, लेकिन तब मैं शौक के लिए कुकिंग करती थी। फिर मेरे पति को बिजनेस में लॉस हुआ और हमें अपना घर बेचकर दिल्ली से नोएडा आना पड़ा। हमारी सोसाइटी में ‘होम शेफ’ के लिए मेरा नाम भी सजेस्ट किया गया। तब मैंने सोचा नहीं था कि ये काम ही मेरा प्रोफेशन बन जाएगा।
सोचा नहीं था, काम इतना बढ़ जाएगा
मैंने बिना किसी की मदद के अपने किचन से काम शुरू किया। मैं प्रोफेशनल शेफ नहीं हूं, मैंने बेकिंग की क्लासेस भी नहीं ली है। किताबें पढ़कर, यूट्यूब देखकर और रोज प्रैक्टिस करते-करते मैंने ये काम सीखा है। तब मेरे लिए दिन के 500 या 1000 रुपए बहुत हुआ करते थे। उस समय मेरे लिए ये करियर नहीं, इनकम का माध्यम था।
ति को बनाया बिजनेस पार्टनर
पति को हेल्प करने के लिए मैंने काम शुरू किया और आज मेरा काम इतना बढ़ गया है कि पति मेरे बिजनेस पार्टनर बन गए हैं। मेरे लिए खुशी की बात ये है कि बेटे को भी इस काम में इंटरेस्ट है, वो खुद आगे बढ़कर मेरे काम में हाथ बटाता है। बेटा भी इसी फील्ड में करियर बनाना चाहता है। बेटी को भी मेरा काम पसंद है। मेरा परिवार मुझे सांता क्लॉस कहता है, क्योंकि उनकी हर विश मैं किसी न किसी तरह पूरी कर देती हूं।
डेढ़ साल में अपना क्लाउड किचन शुरू किया
मेरा काम इतना बढ़ने लगा कि उसके लिए घर का किचन छोटा पड़ने लगा। कमाई भी बढ़ने लगी थी। डेढ़ साल में ही मैंने अपना क्लाउड किचन ‘सिम्स किचन’ शुरू कर दिया था और इस समय मेरे पास 5-6 लोगों का स्टाफ है। मैं हमेशा इस बात का ध्यान रखती हूं कि हमारा फूड लोगों को इतना पसंद आए कि वो खुद दूसरों को बताएं। माउथ पब्लिसिटी से ही काम बढ़ता है और लोग सही मायने में आपका काम पसंद करते हैं। बेकिंग से लेकर पार्टीज तक हमें हर तरह के ऑर्डर मिल रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से मेरी टीम क्रिसमस केक बनाने में बिजी है। हमारे बनाए केक की बहुत डिमांड है। इसके बाद हम न्यू ईयर केक और फूड की तैयारी में जुट जाएंगे। मैं ये मानती हूं कि आपका काम यदि अच्छा है, तो काम की कोई कमी नहीं है।
महिलाओं को रोजगार देना चाहती हूं
मैंने 45 साल में बिजनेस की शुरुआत की और अभी लंबा सफर तय करना है। मैं चाहती हूं कि मैं ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को रोजगार दे सकूं और उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने के लिए प्रोत्साहित कर सकूं। इस उम्र में यदि मैं बिजनेस की शुरुआत कर सकती हूं तो कोई भी महिला कर सकती है। महिलाओं को अपने हुनर को बिजनेस में बदलकर अपनी पहचान बनानी चाहिए।