दिवाली के बाद उत्तर भारत खासकर पूर्वी यूपी और बिहार में छठ पूजा (Chhath Puja 2022) का त्योहार मनाया जा रहा है। कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को मनाया जाने वाले चार दिवसीय छठ पर्व का पहला दिन नहाय खाय 28 अक्टूबर को है। छठ में भगवान सूर्य और छठी मैया (सूर्य भगवान की पत्नी ऊषा) की पूजा की जाती है। छठ पूजा के व्रत और सूर्य को अर्घ्य देने से धार्मिक, आध्यात्मिक लाभ के साथ-साथ आपको स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है।
सूर्य की किरणें किसी दवा से कम नहीं है। इनमें शरीर से विषाक्तता निकालने की शक्ति होती है। सूर्य की किरणें विटामिन डी का सबसे बड़ी स्त्रोत है। विटामिन डी मिलने से शरीर में जमा कैल्शियम एक्टिवेट हो जाता है। विटामिन डी से न सिर्फ शरीर ऊर्जावान बनता है, ये हड्डियों को भी मजबूत बनाता है। सूर्य की किरणों के कारण हमारे शरीर पर अंदर या बाहर चिपके जहरीले पदार्थ बाहर हो जाते हैं। इससे शरीर में इम्युनिटी बढ़ती है। सूर्य की किरणों से त्वचा भी स्वस्थ होती है।
छठ पूजा में लंबे समय तक आप सूर्य कि किरणों के साथ रहते हैं। ऐसे में सूर्य की किरणों से निकलने वाली सुरक्षित विकिरण त्वचा में मौजूद फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन को दूर करने में मदद करती हैं। वहीं, छठ पूजा में चार दिनों तक लोक गीत, भजन और आरती की जाती है। ये केवल व्रत रखने वालों को ही नहीं बल्कि आसपास रहने वालों को भी मानिसक शांति और आत्मिक सुख देते हैं। इससे घर का माहौल बेहद सुखदायक होता है। गीतों के जरिये शरीर के अंदर अच्छे हार्मोन्स का स्राव होता है। तनाव वाले हार्मोन्स घटते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
छठ पूजा मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। पूजा पाठ, व्रत के दौरान सात्विक जीवन आदि सब कुछ मानिसक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। शरीर से नकारात्मक ऊर्जा शरीर दूर होती हैं। ईर्ष्या, क्रोध आदि से इंसान मुक्त होता है। सूर्य कि किरणें डिप्रेशन को हरने वाली होती हैं। नदी या घाट के किनारे सुबह और शाम का माहौल मानिसक सुख को बढ़ाने वाला होता है।