संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जानें वाली यूपीएससी की परीक्षा में हर वर्ष करीब 10 लाख अभ्यर्थी शामिल होते हैं। परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या शामिल होने वाले से कम होती है।
हर वर्ष ऐसे अभ्यर्थी सफल होते हैं,जो तमाम मुश्किलों और कठिन परिस्थितियों को दर किनार कर यूपीएससी की परीक्षा पास कर एक मिशाल पेश करते हैं, जो तैयारी करने वाले लाखों अभ्यर्थियों के लिए एक प्रेरणाश्रोत बनते हैं। ऐसी ही संघर्ष की कहानी है यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले श्रीनाथ की।केरल के मुन्नार जिला निवासी श्रीनाथ के एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं। परिवार चलाने के लिए वह केरल के एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते थे। साल 2018 में 27 साल की उम्र में उन्होंने महसूस किया कि कुली की आय परिवार के लिए पर्याप्त नहीं है। उस समय उनकी एक साल की बेटी थी। इसलिए उसे एक अच्छा बचपन देने के लिए उसने बेहतर करने का फैसला किया।
उन्होंने अपनी कमाई को 400-500 प्रतिदिन से अधिक करने के लिए रात में भी कुली का काम करना शुरू कर दिया, लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं हो सका और उन्होंने सिविल सेव की तैयारी करने का मन बनाया और तैयारी शुरू कर दी।
Success Story: कोचिंग के लिए नहीं थे पैसे, ऐसे की तैयारी
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने केपीएससी की तैयारी करने की सोची, लेकिन उनके पास कोचिंग के पैसे नहीं थे और न ही समय था। वह काम छोड़कर पढ़ाई नहीं कर सकते थे। इसलिए श्रीनाथ ने रेलवे के मुफ्त वाईफाई का उपयोग कर तैयारी शुरू कर दी और काम से जब भी समय मिलता तो मोबाइल फोन के जरिए पढ़ाई करते थे।
IAS Success Story: चौथे प्रयास में पाई सफलता
वह मोबाइल फोन के जरिए ऑनलाइन लेक्चर सुनते थे और ऑनलाइन उपलब्ध नोट्स से तैयारी करते थे। केपीएससी परीक्षा पास करने बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी और चौथे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी 2021 में सफलता प्राप्त की थी। तत्कालीन रेल मंत्री ने उन्हें बधाई दी थी।