फाइबर युक्त डाइट लें, हर्बल टी, दही, सेब का सिरका लें
डाइजेशन सिस्टम सही रखने के लिए कोलोन यानी बड़ी आंत को साफ और सेहतमंद रखना जरूरी है। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और कोलोन कैंसर का खतरा कम होता है। आयुर्वेदाचार्य डॉ आर पी पराशर से जानते हैं आंतों की सफाई के कुछ जरूरी टिप्स।
सब्जियों का जूस
सब्जियों के जूस को कोलोन क्लीनर माना जाता है। इनमें फाइबर और पोषक तत्व होते हैं जो पाचन को लाभ पहुंचाते हैं। ये बॉडी को हाइड्रेट करने में मदद करते हैं। विटामिन सी कोलोन को साफ करने में मदद करता है। जूस बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अधिकतर सब्जियों में विटामिन सी पाया जाता है, जैसे टमाटर, लौकी, खीरा, ब्रोकली, पालक, गाजर, चुकंदर आदि। वेजीटेबल जूस आंतों में मौजूद टॉक्सिन को बाहर निकाल देता है और पेट की समस्याओं से निजात दिलाता है। शरीर में पानी की कमी को भी ये जूस पूरा करता है।
फाइबर युक्त फल
सेब, संतरा, मौसमी, नाशपाती, अमरूद, आम जैसे तमाम फाइबर से भरपूर रेशेदार फलों को पेट और आंतों के लिए अच्छा माना जाता है। इनका जूस पीने की बजाय फलों का सेवन करें। इससे बड़ी आंत और पेट दोनों की सेहत अच्छी रहेगी।
नींबू बॉडी को डिटॉक्स करने का काम करता है। रोजाना सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू और शहद पीएं। इससे बॉडी से एक्स्ट्रा फैट कम होता है और आंतों की सफाई होती है।
आंतों की कमजोरी का इलाज
आंत शरीर का अहम हिस्सा हैं। हम जो भी खाते हैं वो डाइजेस्ट होने के बाद आंतों से गुजरता है। डाइजेस्ट फूड का आखिरी हिस्सा आंत में वेस्ट मटेरियल के रूप में तब तक जमा रहता है जब तक वह बॉडी से निकाल नहीं दिया जाता। यही वजह है कि आंतों का सेहतमंद होना जरूरी है।
आंतों की कमजोरी का कारण और उपचार
रूटीन एक्सरसाइज
रोजाना योग और एक्सरसाइज करने से डाइजेशन सिस्टम से जुड़ी परेशानियां दूर रहती हैं। मॉर्निंग और इवनिंग वॉक भी फायदेमंद है। आंतों को दुरुस्त रखने के लिए कम से कम 20 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें।
फाइबर
डाइट में ज्यादा से ज्यादा फाइबर वाली चीजें शामिल करें। इसके लिए फल और सब्जियों के साथ-साथ कई तरह के अनाज और खजूर भी ले सकते हैं। ये आंतों के सुचारु रूप से काम करने में मददगार होते हैं।
पानी की पर्याप्त मात्रा
फाइबर की ज्यादा मात्रा लेते हैं और पानी कम पीते हैं तो आंतों को नुकसान हो सकता है। अनाज और सब्जियों के साथ पानी भी भरपूर मात्रा पिएं।
डिटॉक्सिफिकेशन
डिटॉक्सिफिकेशन बॉडी को हेल्दी और फ्रेश रखने का प्रोसेस है। इसके जरिए बॉडी के टॉक्सिन को बाहर निकाला जाता है ताकि बीमारियों से निजात मिल सके। डिटॉक्स के लिए कैफीन वाले ड्रिंक के बजाय ताजे फलों का जूस लें। यह न सिर्फ बॉडी में विटामिन की कमी दूर करेगा, बल्कि फाइबर की जरूरत भी पूरा करेगा। इससे पेट साफ रखने में काफी मदद मिलती है। इसके अलावा, हर्बल टी भी डिटॉक्सिफाई करने का काम करती है। चाहें तो ग्रीन टी और नींबू पानी भी ले सकते हैं।
प्रोबायोटिक्स
आंत रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी बीमारियों को दूर करने में प्रोबायोटिक्स मददगार है। आंत बैक्टीरिया से भरी होती है। इनमें से कुछ खाने को डाइजेस्ट करने का काम हैं और कुछ बॉडी के लिए बीमारी की वजह भी बनते हैं। प्रोबायोटिक्स के सेवन से आंतों को मजबूत और इन्फेक्शन से बचाव किया जा सकता है। प्रोबायोटिक्स खासतौर पर डेयरी प्रोडक्ट्स में पाए जाते हैं, जैसे दूध और दही।
आराम करें
बॉडी में मौजूद करीब 95 प्रतिशत सेरोटोनिन आंत को न्यूरोलॉजिकल सिस्टम में रखता है इसलिए आंतों की सेहत के लिए मेंटल हेल्थ भी जरूरी है। डिप्रेशन या एंग्जाइटी डाइजेशन सिस्टम बिगाड़ सकते हैं। 5 मिनट आंखें बंद कर गहरी सांस लेने से आंतों की सेहत में काफी सुधार किया जा सकता है।
हर समय खाते न रहें
बार-बार खाते रहने की आदत आंतों की सेहत के लिए अच्छी नहीं है। आंतों को साफ और बैक्टीरिया से मुक्त करने के लिए डाइजेशन को आराम देने की जरूरत होती है। हर दो घंटे बाद कुछ मिनट के लिए आंतों में मौजूद चिकनी मसल्स डाइजेशन के जरिए बैक्टीरिया और अनुपयोगी चीजों को बाहर निकालती हैं। खाते समय यह प्रक्रिया रुक जाती है इसलिए आंतों को सही रखने के लिए दो मील के बीच गैप होना जरूरी है।
कोलोन को साफ करने के प्राकृतिक तरीके
- रोजाना 2 से 3 लीटर पानी पीना जरूरी। सुबह और रात को सोने से पहले गुनगुना पानी पीना चाहिए। नेचुरल तरीके से कोलोन को साफ करने का यह बेहद आसान फॉर्मूला है।
- प्लांट बेस्ड फूड्स, सब्जियां, फल, फ्रूट जूस जैसी फाइबर से भरपूर चीजों को डाइट में शामिल करें।
- हर्बल टी के सेवन से कोलोन को साफ करने में मदद मिलती है।
- प्रोबायोटिक्स में दही, सेब का सिरका ले सकते हैं। ओमेगा 3 से भरपूर फूड्स खाएं।
- सुबह के समय गुनगुने पानी में शहद और नींबू पानी में शहद मिलाकर पी सकते हैं।
- जूस में आप सेब का जूस, एलोवेरा जूस का सेवन कर सकते हैं।