कई तरह के प्रदूषणों का प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर अप्रत्यक्ष रूप से पड़ता है। उदाहरण के तौर पर हमारे द्वारा इंटरनेट का अनावश्यक इस्तेमाल भी कार्बन उत्सर्जन की वजह बनता है। इस वजह से पर्यावरण पर इसका नकारात्मक असर देखने को मिलता है, तो क्यों न एक व्रत की शुरुआत करें जो पर्यावरण की रक्षा के लिए हो। इसके लिए इंटरनेट इस्तेमाल करने की कुछ आदतों में बदलाव लाना होगा। पर्यावरण को बचाने में अपनी ओर से क्या-क्या कर सकते हैं, जानिए।
तापमान बढ़ना
ऑनलाइन पढ़ाई, बैंक से संबंधित कार्य, सोशल मीडिया पर सक्रियता, लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग, ऑनलाइन शॉपिंग आदि के लिए सभी इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन हम इन चीज़ों का इस्तेमाल करते वक़्त इनके द्वारा पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में नहीं सोचते।
जैसे इस्तेमाल के वक़्त हमारे कंप्यूटर व लैपटॉप गर्मी पैदा करते हैं और इंटरनेट में उपयोग होने वाले बड़े-बड़े सर्वर बहुत ज़्यादा मात्रा में ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जित करते हैं। इनमें मुख्यतः कार्बन डायऑक्साइड होती है जो तापमान बढ़ाती है।
क्या है इंटरनेट का कार्बन फुटप्रिंट
जब हम इंटरनेट का उपयोग करते हैं तब हमारे डिवाइस जैसे कंप्यूटर या लैपटॉप में डेटा का ट्रांसफर होता है। यह ट्रांसफर वेब सर्वर से होता है। वेब सर्वर हाई कॉन्फ़िगरेशन वाला कंप्यूटर ही होता है जहां सारा डेटा स्टोर होता है। इस सर्वर का चौबीस घंटे चालू होना अनिवार्य होता है। यदि यह चालू नहीं होगा तो हमें इंटरनेट पर मांगी हुई जानकारी प्राप्त नहीं होगी। इन वेब सर्वर्स में पंखे लगे होते हैं जो कि कंप्यूटर की गर्मी को बाहर फेंकते हैं। जितना अधिक डेटा भेजा और इकट्ठा किया जाता है, उतनी ही अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जब इंटरनेट से यह काम वैश्विक स्तर पर अरबों लोगों द्वारा किया जाता है, तो यह ऊर्जा बहुत ज़्यादा होती है जो कि हमारे पर्यावरण को नुक़सान पहुंचाती है।
कैसे कम कर सकते हैं कार्बन फुटप्रिंट
अनचाही वीडियो स्ट्रीमिंग बंद करें
जब हम ब्राउज़र खोलते हैं तो वहां कई अनावश्यक वीडियो ऑटोप्ले के कारण शुरू हो जाते हैं। जब भी ऑनलाइन वीडियो चलते हैं तो यह अधिक ऊर्जा का उपयोग करते हैं। ब्राउज़र पर वीडियो का ऑटोप्ले बंद करें।
यूट्यूब वीडियो बंद करें
ऑनलाइन वीडियो देखना इंटरनेट ट्रैफिक का 60 फीसदी हिस्सा है जो कि काफ़ी मात्रा में कार्बन फुटप्रिंट है। कई लोग यूट्यूब वीडियो देखते हैं और थोड़ी देर बाद चलाकर छोड़ देते हैं या इसका उपयोग बैकग्राउंड म्यूजि़क सुनने के तौर पर करते हैं। यदि आप वीडियो नहीं देख रहे हैं तो स्ट्रीमिंग बंद कर दें।
डाउनलोड करें
बार-बार स्ट्रीमिंग वीडियो देखने या संगीत सुनने के बजाय उन्हें डाउनलोड करने का विकल्प चुनें, ताकि आप सर्वर से केवल एक बार कनेक्ट हों और डेटा को कंप्यूटर या लैपटॉप में रख सकें। ऐसा करने से बार-बार सर्वर से डेटा नहीं लेना पड़ेगा। इससे कार्बन उत्सर्जन कम होगा।
अनावश्यक मैसेज सेे बचें
मैसेज करना आजकल सामान्य है। ऐसे में थैंक्यू, ओके, गुड मॉर्निंग, गुड नाइट जैसे मैसेज और फिज़ूल संदेश भेजने से बचें। ऐसे संदेश व मेल सर्वर के द्वारा ही एड्रेस पर भेजे जाते हैं जिस वजह से कार्बन उत्सर्जन होता है।
इमेज कंप्रेस करें
इंटरनेट पर इमेजेस अपलोड करते समय चेक करें कि उनका साइज़ बहुत बड़ा न हो। साइज़ जितना बड़ा होगा उतना ही समय उसे सर्वर पर अपलोड होने में लगेगा और उतनी ही अधिक ऊर्जा लगेगी। इसलिए इमेज को कंप्रेस यानी कि उसके साइज़ को कुछ कम करें, ताकि वह कम समय में अपलोड हो सके।
सर्च करने से पहले सोचें
सर्च इंजन पर कुछ भी सर्च करने के लिए सटीक शब्द का इस्तेमाल करें, ताकि अनावश्यक वेबसाइट्स की लिंक पर जाने से बच सकें। सीधे उसी वेबसाइट एड्रेस पर जाएं जिसको देखना है। इससे सर्च इंजन को बार-बार डेटा ढूंढ कर भेजने में कम ऊर्जा लगेगी और कार्बन फुटप्रिंट कम रहेगा।