जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने अपनी पहली महिला कुलपति (वाइस चांसलर) ने विश्वविद्यालय के संचालन का कार्यभार संभाला. इतिहास में यह एक ऐसा क्षण था जब पहली बार महिला प्रोफेसर, शांतिश्री धूलिपुडी पंडित को प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के तेरहवें कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया. जेएनयू के कुलपति के रूप में शांतिश्री का कार्यकाल पांच साल की अवधि के लिए रहेगा.
तात्कालिन वीसी प्रोफेसर एम जगदीश कुमार, जो अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने कहा “मुझे आपको यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि राजनीति और लोक प्रशासन विभाग, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय से प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित को जेएनयू की अगली कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया है, और वह जेएनयू की पहली महिला कुलपति हैं.
शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित का जन्म 15 जुलाई 1962 को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में हुआ था. साल 1988 में, उन्होंने गोवा विश्वविद्यालय में अपना शिक्षण करियर शुरू किया, और 1993 में, वह पुणे विश्वविद्यालय में शिफ़्ट हो गईं. उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एम.फिल की डिग्री और पीएच.डी के साथ स्नातक किया. ‘भारत में संसद और विदेश नीति – नेहरू शासन के दौरान’ उनकी थीसिस का शीर्षक था.
हैदराबाद में अमेरिकन स्टडीज़ रिसर्च इंस्टीट्यूट, इंडियन एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन स्टडीज़, ऑल इंडिया पॉलिटिकल साइंस एसोसिएशन, भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, इंडियन सेक्युलर सोसाइटी सहित कई उल्लेखनीय संगठनों की सदस्य, शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित का अंग्रेज़ी, हिंदी, तमिल, मराठी, संस्कृत और तेलुगु भाषाओं पर अच्छी पकड़ है. उन्होंने दो किताबें, पार्लियामेंट एंड फ़ॉरेन पॉलिसी इन इंडिया (1990) और रिस्ट्रक्चरिंग एनवायर्नमेंटल गवर्नेंस इन एशिया-एथिक्स एंड पॉलिसी (2003) प्रकाशित की हैं.
इससे पहले, वो सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में राजनीति और लोक प्रशासन के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रहीं.