भोपाल . मध्यप्रदेश कैबिनेट ने आदिवासियों को कर्ज देने के लिए तीन स्कीमों को मंजूरी दी है। इसमें 10 हजार से लेकर दो करोड़ रुपए तक कर्ज मिल सकता है। बिरसा मुंडा और टंट्या मामा योजना में जरूर क्रमश: 12 लाख की आय सीमा और आयकरदाता नहीं होने की शर्त लागू की गई है।
स्कीमों में भगवान बिरसा मुंडा स्व-रोजगार योजना, टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना एवं मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना शामिल है। बिरसा मुंडा में स्व-रोजगार के लिए एक लाख से 50 लाख रुपए तक के प्रोजेक्ट शामिल रहेंगे। इसमें परिवार की सालाना आय 12 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
बैंक ऋण पर 5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी तरह टंट्या मामा योजना में जो आयकरदाता नहीं हैं और उनकी उम्र 18 से 55 वर्ष के बीच हो, उन्हें 10 हजार से एक लाख रुपए तक के प्रोजेक्ट के लिए बैंकों से कर्ज दिलाया जाएगा।
सात प्रतिशत ब्याज अनुदान भी मिलेगा। अजजा विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अधिकतम 2 करोड़ तक राशि मिलेगी। शर्त रहेगी कि प्रोजेक्ट में कम से कम 50% लोग अजजा वर्ग के हों।