द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में यह भी पता चला है कि वयस्कों में अवसाद और चिंता के मामले काफी बढ़े हैं और ये कम से कम दो माह तक रोगियों में देखने को मिल रहे हैं। अध्ययन के अनुसार, जब से कोरोना महामारी शुरू हुई है तब से इस बात के प्रमाण बढ़ रहे हैं कि बचे लोगों में न्यूरोलॉजिकल और मनोरोग संबंधी स्थितियों का खतरा बढ़ सकता है।
ब्रिटेन (Britain) के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैरिसन पॉल ने बताया, कई मरीजों में न्यूरोलॉजिकल और मनोरोग से जुड़े जोखिम कम से कम दो साल तक रह सकते हैं। साथ ही पता चल रहा है कि कोरोना संक्रमण से जुड़ी न्यूरोलॉजिकल स्थितियों के नए मामले महामारी थमने के बाद काफी समय तक होने की आशंका है।
अध्ययन के दौरान कुल 12,84,437 मरीजों के चिकित्सीय दस्तावेजों को शामिल किया गया। जिसमें 185,748 बच्चे और 18 से 64 वर्ष के बीच आयु वाले 856,588 वयस्क शामिल थे।
जल्द ही कोविन से जुड़ेगा गर्भवती महिलाओं और नौनिहालों का टीकाकरण
कोरोना टीकाकरण (corona vaccination) का प्रमाणपत्र देने वाली कोविन वेबसाइट पर जल्द ही गर्भवती महिलाएं और नौनिहालों से जुड़े टीकाकरण की व्यवस्था भी होगी। जानकारी मिली है कि अगले माह सितंबर के दूसरे सप्ताह में यह सेवा लागू हो जाएगी, जिसके बाद कोविन वेबसाइट पर सार्वभौमिक टीकाकरण से जुड़ी सभी जानकारियां होगीं। इसी दौरान वेबसाइट से रक्तदान और अंगदान से जुड़े जागरूकता अभियान के बारे में भी जानकारियां उपलब्ध होगीं।
देश में कोरोना के 12,608 नए मामले
देश में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 12,608 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,42,98,864 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 1,01,343 पर पहुंच गई है।
मंकीपॉक्स का टीका 100 फीसदी असरदार नहीं : डब्ल्यूएचओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के तकनीकी प्रमुख रोसमंड लुईस का कहना है कि मंकीपॉक्स(monkeypox) का टीका 100 फीसदी असरदार नहीं है। डॉ. रोसमंड ने सलाह दी है कि लोगों को संक्रमण का जोखिम कम करने से जुड़े एहतियाती विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए। दरअसल, दुनिया भर में अभी तक मंकीपॉक्स के 35 हजार से ज्यादा मामले 92 से अधिक देशों में दर्ज किए गए हैं। अमेरिका और यूरोप(America and Europe) में इसके मामले काफी अधिक और गंभीर मिल रहे हैं। जबकि 12 मरीजों की अब तक मौत भी हुई है। इनमें से एक मरीज की मौत भारत में हुई है।