उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने मंगलवार को यहां गोमतीनगर स्थित भागीदारी भवन में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के प्रतिभागी प्रशिक्षुओं को टैबलेट वितरित किए। इस कार्यक्रम में लखनऊ के करीब तीन सौ प्रशिक्षुओं को टैबलेट मिले। यूपीएससी सिविल सर्विस, पीसीएस, जेईई मेन, नीट, एनडीए और सीडीएस आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले इन प्रशिक्षुओं में से प्रतीक स्वरूप 11 प्रशिक्षुओं को समाज कल्याण राज्यमंत्री ने मंच पर टैबलेट प्रदान किये। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि टैबलेट के साथ ही इन प्रशिक्षुओं को इंटरनेट डेटा पैक भी उपलब्ध करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 16 फरवरी 2000 को बसंत पंचमी के दिन इस योजना की शुरुआत की थी।
असीम अरुण ने इन प्रशिक्षुओं को सलाह दी कि प्रतियोगी परीक्षा के साथ ही साथ वह उद्यमिता के क्षेत्र में भी अवसर तलाशें। विभागीय अधिकारियों को उन्होंने निर्देश दिए कि उ.प्र.अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम की मदद से वह केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का प्रस्तुतीकरण तैयार करवाएं ताकि अनुसूचित जाति के युवा इन योजनाओं में ऋण लेकर स्वत: रोजगार का भी एक विकल्प तैयार रखें।
उन्होंने कहा कि भारत रत्न बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर का कथन है-‘अवसर की समानता।’ आज इण्टरनेट के जरिये बाबा साहब के इस कथन का साकार रूप देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले प्रशिक्षुओं के पास टैबलेट, लैपटाप आदि उपलब्ध न होने और मोबाईल फोन पर इन परीक्षाओं की तैयारी के लिए सामग्री का अध्ययन करने में दिक्कत पेश आ रही थी। इस दिक्कत को दूर करने के लिए ही मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में टैबलेट देने की कार्य योजना तैयार की गई। इस योजना के तहत प्रदेश सरकार ने 30 करोड़ रुपये का बजट दिया है, मुख्यमंत्री ने कहा है कि जरूरत पड़ेगी तो सरकार और बजट देगी। समाज कल्याण राज्य मंत्री ने अपने हाथों से जिन प्रशिक्षुओं को टैबलेट प्रदान किए उनमें सपना, अंकिता पाण्डेय, आलोक कुमार, सौम्या गुप्ता, कुमारी वर्षा, विकास कुमार, सुषमा शुक्ला, सिद्धी विनायक सोनकर, फागुनी जैन, रितिका दीक्षित, शिवानी चौरसिया शामिल हैं। इस अवसर पर आश्रम पद्धति विद्यालय मोहान रोड के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये। कार्यक्रम में समाज कल्याण सचिव समीर वर्मा, निदेशक राकेश कुमार आदि मौजूद थे।