महंगाई है कि कम होने का नाम नहीं ले रही है. एक चीज सस्ती होती है, तब तक दूसरी चीज महंगी हो जाती है. टमाटर और हरी सब्जियों की कीमत में गिरावट आई, तो अब दलहन की कीमत में आग लग गई है. इससे आम जनता की थाली से दाल गायब हो गई है. खास बात यह है कि अरहर दाल की कीमत में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई है. पिछले एक साल के अंदर इसकी कीमत में 45 फीसदी की उछाल दर्ज की गई है.
कहा जा रहा है आने वाले दिनों में डिमांड बढ़ने पर इसके भाव में और बढ़ोतरी हो सकती है. ऐसे में त्योहारी सीजन शुरू होने से पहले जनता की जेब पर महंगाई का बोझ बढ़ जाएगा. अरहर के अलावा चना दाल और मूंग दाल की कीमतों में भी उछाल देखने को मिल रही है.
118 रुपये किलो मूंग दाल है
उपभोक्ता विभाग के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को अरहर दाल 167 रुपये प्रति किलो की दर से बेची गई. हालांकि, एक साल पहले इसकी कीमत 115 रुपये थी. यानि कि पिछले साल के मुकाबले इसके रेट में 52 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. इसी तरह चना दाल भी एक साल में 18 प्रतिशत महंगी हो गई है. अभी दिल्ली में एक किलो चना दाल की कीमत 85 रुपये है. वहीं, मूंग दाल भी एक साल में 18 प्रतिशत महंगी हुई है. अभी एक किलो मूंग दाल की कीमत 118 रुपये है. ऐसे में त्योहारी सीजन शुरू होने से पहले अगर दालों की कीमतें और बढ़ती हैं तो आम जनता का हाल महंगाई से बेहाल हो जाएगा.
त्योहारी सीजन से पहले बढ़ सकती है कीमत
एक्सपर्ट का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार दलहन के रकबे में गिरावट आई है. साथ ही बारिश भी औसत से काफी कम हुई है. ऐसे में दलहनों के उत्पादन में गिरावट आने की संभावना जताई जा रही है, जिसका सीधा असर कीमतों पर पड़ेगा. वहीं, व्यापारियों का कहना है कि अगर दहलन के उत्पादन में गिरावट आती है, तो कीमतें कम होने के बजाए और बढ़ जाएंगी.
सभी खरीफ दलहन के रकबे में गिरावट आई है
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों की माने तो 8 सितंबर तक खरीफ दलहन के रकबे में पिछले साल के मुकाबले गिरावट आई है. इस बार 8 सितंबर तक महज 119.91 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुवाई की गई. जबकि पिछले 8 सितंबर तक इसका आंकड़ा 131.17 लाख हेक्टेयर था. इसका मतलब यह हुआ कि इस साल 8 सितंबर तक 11.26 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुवाई कम की गई. खास बात यह है कि उड़द, अरहर और मूंग सहित सभी खरीफ दलहन के रकबे में यह गिरावट आई है.