नई दिल्ली, । देश भर के विभिन्न निजी और मंहगे बोर्डिंग स्कूलों के अलग सैनिक स्कूल भी एक तरह के बोर्डिंग स्कूल ही हैं जो कि अफोर्डेबल होने के साथ-साथ छात्रों को प्रतिस्पर्धी और रक्षा करियर के योग्य बनाते हैं। केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय के स्वायत्त संगठन सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा संचालित और सीबीएसई बोर्ड से सम्बद्ध सैनिक स्कूल अंग्रेजी माध्यम से आवासीय विद्यालय होते हैं, जो कि पढ़ाई के साथ-साथ राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए), खड़कवासला (पुणे), भारतीय नौसेना अकादमी, एझीमाला और अन्य अधिकारी प्रशिक्षण अकादमियों में शामिल होने के लिए कैडेट तैयार करते हैं।इस समय देश में कुल 33 सैनिक स्कूल हैं, जिनमें 3 उत्तर प्रदेश के मैनपुरी, झांसी और अमेठी में और 2 बिहार के नालंदा एवं गोपालगंज में है। दिल्ली में एक भी सैनिक स्कूल नहीं है तो वहीं इससे सटे हरियाणा में 2 (कुंजपुरा और रेवाड़ी) में हैं। राजस्थान में 2 (चितौड़गढ़ एवं झुंझुनू) और पंजाब में 1 सैनिक स्कूल (कपूरथला) में है।
सैनिक स्कूलों में लड़के और लड़कियों को कक्षा 6 में, जबकि सिर्फ लड़कों को कक्षा 9 में प्रवेश दिया जाता है। कक्षा 6 में दाखिले के लिए परीक्षा के वर्ष में आयु 10 से 12 वर्ष के बीच होनी चाहिए। प्रवेश के समय छात्र या छात्रा को कक्षा 5 की परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। वहीं, कक्षा 9 में प्रवेश के लिए आयु 13 वर्ष से 15 वर्ष से बीच होनी चाहिए। प्रवेश के समय छात्र को कक्षा 8 की परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए।
सैनिक स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया
आवेदन के इच्छुक छात्रों को सबसे पहले राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित की जाने वाली अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा (AISEE) में सम्मिलित होना होगा। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया अगस्त-सितंबर माह के दौरान शुरू होती है और पैरेंट्स आधिकारिक वेबसाइट, aissee.nta.nic.in पर आवेदन कर सकते हैं। कक्षा 6 की प्रवेश परीक्षा 300 अंकों की होती है और इसमें गणित, इंटेलीजेंस, भाषा और सामान्य ज्ञान से कुल 125 प्रश्न पूछे जाते हैं। वहीं, कक्षा 9 के लिए 400 अंकों की परीक्षा होती है और इसमे 150 प्रश्न होते हैं। परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी और हिंदी के साथ-साथ कई क्षेत्रीय भाषाएं होता है। प्रवेश परीमें सफल घोषित छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग उनके आवेदित सैनिक स्कूल द्वारा आयोजित की जाती है और दाखिला दिया जाता है।