लहसुन की खेती पूरे भारत में की जाती है. नियमित रूप से लहसुन का सेवन करने से इंसान निरोग रहता है. लहसुन में फॉस्फोरस, मैंगनीज, जस्ता, कैल्शियम, विटामिन सी, विटामिन बी 6 और आयरन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अल्वा इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, पैंटोथेनिक एसिड और थियामिन भी पाया जाता है. ऐसे लोगों को लगता है कि लहसुन सिर्फ सफेद रंग का होता है, लेकिन ऐसी बात नहीं है. बहुत ही जल्द आप लोग गुलाबी यानी पिंक लहसुन का स्वाद चख पाएंगे. बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने पिंक लहसुन की नई उन्नत किस्म को विकसित किया है.
इस गुलाबी लहसुन की उत्पादन क्षमता भी पारंपरिक लहसुन के मुकाबले अधिक है. यह औषधीय गुणों से भरपूर होगा. इस नई किस्म के लहसुन में सल्फर और एंटीऑक्सीडेंट की क्वांटिटी काफी अधिक है. हालांकि, सफेद लहसुन के मुकाबले गुलाबी लहसुन की भंडारण क्षमता काभी ज्यादा है. यानि कि इसे आप ज्यादा समय तक घर के अंदर स्टोर कर के रख सकते हैं. इसमें न्यूट्रिशन और पोटैशियम भी अधिक हैं. इसके चलते यह जल्दी खराब नहीं होता है.
गुलाबी लहसुन जल्दी खराब नहीं होगा
रिसर्च टीम की हेड साइंटिस्ट संगीता श्री ने बताया कि इस नए किस्म की लहसुन पर हम लोग करीब 9 साल से काम कर रहे थे. कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार सफलता मिल ही गई. हम लोगों की टीम ने हल्के गुलाबी रंग के लहसुन के नई किस्म को विकसित किया है. गुलाबी लहसुन के कवर की मोटाई सफेद के मुकाबले काफी अधिक है. ऐसे में गुलाबी लहसुन जल्दी खराब नहीं होगा.
अब किसान करेंगे पिंक लहसुन की खेती
वैज्ञानिक संगीता श्री ने बताया कि हमारी टीम ने इस नए किस्म के लहसुन को लेकर बिहार गवर्नमेंट के साथ बातचीत की है. बिहार सरकार ने भी गुलाबी लहसुन में रुचि दिखाई है. जल्द ही खेती के लिए यह किस्म मार्केट में उपलब्ध हो जाएगी. इसके बाद किसान भाई गुलाबी लहसुन की खेती कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि किसानों को जागरूक करने के लिए पूरे प्रदेश में गुलाबी लहसुन की प्रदर्शनी लगाई जाएगी. इसके बाद किसानों में बीज वितरित किए जाएंगे. खास बात यह है कि बिहार सरकार पिंक लहसुन का विमोचन करेगी.
पिंक लहसुन में रोग प्रतिरोधक क्षमता सफेद लहसन से दुगुनी होती है. नई किस्म की सबौर 1 लहसुन में सल्फर और फास्फोरस की टेस्टिंग की गई है, जो कि हेल्थ के लिए बेहतर है. कहा जा रहा है कि पिंक लहसुन के पौधों में रोग नहीं लगेंगे.